Mirza Ghalib Shayari in Hindi: Who is Mirza Ghalib? Mirza Ghalib, उर्दू के अद्वितीय कवि, एक व्यक्ति थे जिनकी कलम से अनकहीं दरामयानी और दिलों के बातें आवाज़ मिलती हैं। उनका नाम आदब और शायरी के इतिहास में ऊँचा ठहरा है। ग़ालिब की रचनाएँ न सिर्फ़ उर्दू भाषा को अलंकृत करती हैं, बल्कि उनके वाक्य भावनाओं के संग्राम में साधारण इंसान की कठिनाइयाँ और उसकी अनंत ख़्वाहिशों को भी प्रदर्शित करती हैं।
ग़ालिब के कविताओं में आपको एक अनोखा संवाद मिलता है, जो विचारों की गहराई में घुस जाता है और मन की गहराई को छू जाता है। वे कविताएं इतनी समर्पित, संवेदनशील और सटीक होती हैं कि आप उन्हें पढ़कर खुद को उनके विचार में समाये हुए पाते हैं। उनकी शायरी के शब्द एक ऐसी शक्ति से भरे होते हैं, जो हर व्यक्ति की ज़िन्दगी में एक विचित्र तांतरिक बजाने की क्षमता रखते हैं।
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Mirza Ghalib Shayari in Hindi
नाम चेहरे से हटाकर देखिए,
हम ज़माने से छूट जाएँगे।
क्योंकि दिल में रहते हैं तो आपके,
हम जिंदगी से बदल जाएँगे।
तेरे वादे पर जीने का एहसास है,
हर रोज़ तेरी यादों में खो जाते हैं।
इश्क़ के मारे हैं हम, ग़लिब,
अपनी रूह को तेरे सिवा न बचा पाते हैं।
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ नहीं होता,
हम हर हाल में रंग नहीं भरते।
दर्द के रास्ते पर चलते हैं हम,
इश्क़ के सफ़र में हमेशा डग़र नहीं रखते।
नज़रों की मस्ती में बदल गई ज़िंदगी,
वर्ना हम तो अदा से ही चलते थे।
ख़ुशी और ग़म बांट रहे हैं लोग,
ज़िंदगी के मेले में अकेले चलते थे।
दिल की बातों को छुपाकर रखते हैं,
खुदा से पूछते हैं क्यों रोते हैं।
ज़िंदगी एक किताब की तरह है,
हर पन्ने में अलग ही बातें छुपी होती हैं।
ज़िंदगी शायरी की तरह होती है,
हर बार नया रंग दिख ता है।
दर्द और खुशी के राग लिए घूमती है,
ख्वाबों की मधुर साज़िश सुनाती है।
ज़िंदगी के हर पल में गुलज़ार होती है,
हर शेर में अपनी कहानी छुपाती है।
उम्र भर दिल में रखी है अदाओं की ज़ंजीर,
वर्ना रूह बहुत पहले उड़ चुकी होती।
इश्क़ के ज़ालिमों की चाहत में,
हमने अपनी दुनिया से बिछड़ी होती।
दिल की धड़कनों में तेरा ख्वाब बसा है,
ज़िंदगी तेरी यादों में जी रहे हैं।
गम के सहारे चल रहे हैं हम,
इश्क़ के मौसम में तेरे साथ बिता रहे हैं।
दर्द का रंग लेकर बहार चली आई है,
हंसते-हंसते आंसू बहाने चली आई है।
ज़िंदगी के फ़साने को खुदा ने लिख दिया है,
हम बस पढ़कर उन्हें पूरा कराने चले आएं हैं।
आहिस्ता-आहिस्ता चल दे दिल की दुखभरी राह,
इश्क़ की राहगुज़र में धीरे-धीरे चल पड़े हैं।
कभी मिल जाए वो आशिक़ी की मंज़िल,
तो बेवज़ह-बेवज़ह हम सरहदे पार कर जाएंगे।
खुदा ने दिया था एक चेहरा अदा करने के लिए,
हमने उसे दिल में बसा कर खुश रहना सिखा दिया।
इश्क़ की मोहब्बत ने हमको बदल दिया है,
अब ज़िन्दगी को हर ग़म से मुस्कराना सिखा दिया।
Heart Touching Mirza Ghalib Shayari
दिल को छू जाने वाली दर्द भरी शायरी:
हर दर्द का हक़ है इंसान को यहाँ,
इश्क़ की राह में मत रो जाने दो।
यादें और अल्फ़ाज़ शायरी:
वक़्त गुज़र जाए तो कोई बात नहीं,
यादों में तो हम हर पल जी जाते हैं।
मुसीबतें और हिम्मत शायरी:
आराम तो बहुत होगा जहां भी होंगे,
लेकिन हिम्मत से जीने वाले हम हैं।
तन्हाई और इंतज़ार शायरी:
इंतज़ार में रहने वाले हम हैं,
तन्हाई भी बहुत अच्छी दोस्त है।
आशिक़ी और रंगीन शायरी:
ज़िन्दगी के रंग उसी के साथ हैं,
जिसकी आशिक़ी में हम खो गए हैं।
मोहब्बत और बेवफ़ाई शायरी:
मोहब्बत ने सिखाया हमें एक बात,
जिंदगी में बेवफ़ाई भी शामिल है।
दूरियाँ और अपनेपन शायरी:
वो दूर हैं मगर अपने बहुत पास हैं,
ये दूरीयाँ कभी खत्म नहीं होती।
आँखें और अंदाज़ शायरी:
आँखों में छुपे हैं दर्द बेहद गहरे,
अंदाज़-ए-बयाँ ने कह दिया हर बात।
ख्वाबों और हक़ीक़त शायरी:
ख्वाब देखा करते थे आँखों की जुबान से,
हक़ीक़त ने चीन ली हर ख्वाब की आदत।
जुदाई और वादा शायरी:
वादा था तेरा साथ निभाएंगे हम,
जुदाई ने हमें तोड़ दिया है दिल के तार।
2 line Mirza Ghalib ki Shayari
दिल ही तो है न संभाले जाएंगे,
आप ही न कहेंगे चले जाएंगे।
इश्क़ की इन्तहा तो ये है जानते हैं हम,
पर दिल का दरिया पार करते नहीं।
नक़्क़ारा है वो फ़साना, जो दिल से कहते हैं,
बड़े ख़ामोशी से सुनते हैं हम।
हजारों ख्वाहिशें ऐसी की हर ख्वाहिश पे दम निकले,
बहुत निकले मेरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले।
ज़िंदगी शराब हो या खुमार कह दो,
हमे तो आदत है अपनी अपनी अदा से जियो।
ग़म दे के तो तेरे नाम को भी लिख दिया,
पर शायरी में उस ग़म को छुपा दिया।
वो न थे मेरी हमदमियां, वो हमसे निजात पाने के बाद,
चले गए किसी और की तलाश में, हमें छोड़ गए खुदा के बाद।
गुज़र गया वो जो दौर था तेरी मोहब्बत का,
अब कोई और हमसे इश्क़ कर, कोई और सियाही ख़रीद।
दिल की बातें दिल में ही रहने दो,
ख़याल जो मेरे हैं, उन्हें बयां करने दो।
ज़िंदगी में जब भी उदासी छाए,
तो मेरी यादों को याद कर लेना।
दिल की बातों को दिल में छिपाए रखो,
ज़ख्मों को अपने हर गम से छुपाए रखो।
Mirza Ghalib Love Shayari in English
Mohabbat mein kya rakha hai jo samjhe na koi,
Dil ki baat seene mein dabayein, toh jee na paayein hum.
Tere ishq mein diwana ho gaya hoon,
Aaina bhi mujhe ab tera chehra dikhata hai.
Teri baatein meri rooh mein sama gayi,
Lafz kya likhoon, shayari bana gayi.
Tera intezaar kar kar ke mera waqt guzara hai,
Ab toh khud se bhi nafrat ho gayi hai pyaar mein.
Chhod ke duniya ki bheed mein, tujhse milne aaya hoon,
Tu mera safar hai, tu mera manzil hai.
Chaandni raat mein teri yaad satati hai,
Neend mujhe aati nahi, tera khayal jagaati hai.
Tere ishq mein dooba hua hoon main,
Har lamha teri yaadon mein khoya hua hoon main.
Dil ka dard chhupana humse na seekha,
Tere bina jeene ki adat bhi humne paas laayi hai.
Mohabbat mein kaise bhool jaoon tujhe,
Teri baaton ki mehak mere saanson mein bas gayi hai.
Dard bhari shayari likhna sikha hai tune,
Ab duniya se kya lena, tujhse pyaar karna seekh gaye hum.
Mirza Ghalib Sad Shayari in Hindi
जिन्दगी के अंधेरों में डूब कर,
रोशनी का ख्वाब देखा करते हैं।
हर एक वादे को तोड़ने के बाद,
आशियाँ के अवारे में रहा करते हैं।
चिराग़ रात भर जलता है,
तेरी यादों के इन्तेज़ार में।
आँसू अक्सर नहीं आते,
बस आँखों के समंदर में।
ज़िन्दगी का जो मज़ा था वो हमें दे गया तू,
अब तू ही है जो ज़िंदगी से छीन रहा है।
हमने तेरे लिए अपना सब कुछ गंवा दिया,
और तूने हमें एक अजनबी समझ रहा है।
ज़िंदगी में एक उम्मीद थी,
वो भी तेरे आने की।
मगर तू आए भी तो क्या आए,
ख़्वाबों में हमेशा साथ थी।
तेरी गम्भीर आँखों का ज़हर पी गया हूँ,
खुद को अब ख़बरदार नहीं करता।
जब चाहे छोड़ देना ये ज़िंदगी को,
दिल के दरिया में बहा दिया करता हूँ।
रोये हैं हम इतना कि आँखें सूख गईं,
ये दर्द दिल का हमसे कोई छुपा नहीं सका।
जब रूठ गए तू, छोड़ गए हमें अकेले,
ज़िंदगी ने ख़ुद को सबसे भी अजनबी कर दिया।
जब भी मेरे दिल को गहरा दर्द मिलता है,
तेरी यादों का दाग़ फिर से हँसील करता है।
दरिया-ए-दिल में बह रहा है इक उम्मीद का आंसू,
अब ये आंसू भी ज़िंदगी के किनारे छोड़ता है।
ख़त जो तेरा आया हमें सताने के लिए,
उसे पढ़कर रोना आया हमें रुलाने के लिए।
दर्द-ए-दिल के सिवा कुछ भी नहीं बचा हमें,
तेरे जाने के बाद, ज़िंदगी रोने के लिए।
जिस रंग में उलझा हूँ, उसी में डूब जाऊँ,
ये ज़िंदगी तो सिर्फ़ एक तान्हाई है।
गमों का घाटा बहुत गहरा हो गया है,
अब तो ख़ुद को अकेला ही समझाई है।
दिल में उम्मीद के दिये जलाए हुए हैं,
आँखों में आशियाँ के ख़्वाब सजाए हुए हैं।
ख़ुशियों की बहारें तो छूट गईं कहीं,
इस रोशनी में अब अकेले बिखरे हुए हैं।
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